भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 वर्ष की उम्र में निधन, ओगिल्वी इंडिया के निर्माता और पद्मश्री सम्मानित रहे

Update: 2025-10-25 09:06 GMT

भारतीय विज्ञापन जगत की पहचान माने जाने वाले दिग्गज विज्ञापन विशेषज्ञ पीयूष पांडे का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय तक भारतीय विज्ञापन उद्योग को नई दिशा देने वाले और अपनी रचनात्मकता से दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ने वाले पांडे ने शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025 को अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ दिनों से संक्रमण से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था।

पीयूष पांडे न केवल एक विज्ञापन विशेषज्ञ थे, बल्कि भारत में विज्ञापन को कला का रूप देने वाले अग्रदूतों में से एक थे। उन्होंने अपने विचारों और अभियानों के माध्यम से आम लोगों की भावनाओं, संस्कृति और भाषा को विज्ञापनों में इस तरह पिरोया कि वे देशभर में लोकप्रिय हो गए। उनकी पहचान भारतीय उपभोक्ता के मनोविज्ञान को गहराई से समझने और उसे रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए की जाती थी।

ओगिल्वी इंडिया के निर्माता और लंबे समय तक इसके क्रिएटिव डायरेक्टर रहने वाले पीयूष पांडे ने अपने कार्यकाल में कई यादगार विज्ञापन अभियानों को जन्म दिया। उनकी रचनात्मकता ने भारतीय विज्ञापन उद्योग को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया। उनके नेतृत्व में ओगिल्वी इंडिया ने न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान मजबूत की।

विज्ञापन जगत में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। पीयूष पांडे की रचनाएं केवल उत्पादों के प्रचार तक सीमित नहीं थीं, बल्कि वे समाज, संवेदनाओं और भारतीयता की गहरी झलक पेश करती थीं। उनके बनाए विज्ञापन लोगों की यादों में हमेशा के लिए बस गए हैं।

उनके निधन से भारतीय विज्ञापन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उद्योग से जुड़े लोगों और उनके प्रशंसकों ने उन्हें एक दूरदर्शी, विनम्र और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में याद किया है। पीयूष पांडे के जाने से भारतीय विज्ञापन जगत ने न सिर्फ एक प्रतिभाशाली रचनाकार खोया है, बल्कि एक ऐसी सोच को भी खो दिया है जिसने भारतीय विज्ञापन की आत्मा को परिभाषित किया था।

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