अभिनेता संजय खान की पत्नी और अभिनेता जायद खान की मां जरीन खान के निधन के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं। 81 वर्ष की उम्र में उनका निधन मुंबई में हुआ था, लेकिन उनके अंतिम संस्कार के दौरान हिंदू रीति-रिवाज अपनाए जाने को लेकर लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई। कई लोगों ने सवाल उठाया कि एक मुस्लिम परिवार से संबंध रखने के बावजूद उनका अंतिम संस्कार श्मशान में हिंदू परंपरा के अनुसार क्यों किया गया।
अंतिम संस्कार के दौरान की तस्वीरों और वीडियोज़ में देखा गया कि जायद खान माथे पर तिलक लगाए हुए मटकी लेकर आगे-आगे चल रहे थे, जबकि परिवार के अन्य सदस्य पारंपरिक हिंदू विधि का पालन कर रहे थे। इस दृश्य ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या जरीन खान ने अपने जीवनकाल में धर्म परिवर्तन किया था या नहीं।
अब सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रहस्य पर से पर्दा उठ चुका है। बताया जा रहा है कि जरीन खान ने भले ही अभिनेता संजय खान से विवाह किया था, लेकिन उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया था। शादी के बाद भी उन्होंने अपने हिंदू संस्कारों और परंपराओं को नहीं छोड़ा। यही वजह रही कि उनके निधन के बाद परिवार ने उनकी इच्छा के अनुरूप हिंदू रीति से अंतिम संस्कार किया।
जरीन खान अपने शालीन व्यक्तित्व और पारिवारिक मूल्यों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने हमेशा अपने परिवार को एकजुट रखा और धार्मिक विविधता के बावजूद सद्भाव का उदाहरण पेश किया। उनके निधन ने बॉलीवुड जगत को गहरा आघात पहुंचाया है, जबकि उनके जीवन से जुड़ा यह पहलू अब एक नई चर्चा का विषय बन गया है।
उनके इस निर्णय ने यह भी दर्शाया कि वे धर्म से अधिक आस्था और मानवता को महत्व देती थीं। परिवार के सूत्रों के मुताबिक, उनकी अंतिम इच्छा थी कि विदाई उसी परंपरा के अनुसार दी जाए जिसमें वे जन्मी थीं, और उनके परिवार ने इस इच्छा का पूरा सम्मान किया।