धर्मेंद्र का निधन: 89 वर्ष की उम्र में बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ ने कहा दुनिया को अलविदा, 300 से ज्यादा फिल्मों की विरासत पीछे छोड़ी

धर्मेंद्र का निधन: 89 वर्ष की उम्र में बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ ने कहा दुनिया को अलविदा, 300 से ज्यादा फिल्मों की विरासत पीछे छोड़ी
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भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में 24 नवंबर को उन्होंने इस दुनिया को विदाई दे दी, और उनके निधन की खबर ने पूरे फिल्म जगत और करोड़ों प्रशंसकों को गहरे शोक में डुबो दिया। छह दशकों से अधिक लंबे करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उनके अभिनय का सफर सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनकी निजी ज़िंदगी भी उतनी ही सुर्खियों में रहती थी। अपने सहज व्यक्तित्व, बेबाक विचारों और सादगी भरी जीवनशैली ने उन्हें दर्शकों के दिलों के और करीब ला दिया था।


धर्मेंद्र को भारतीय सिनेमा का ही-मैन कहा जाता है, लेकिन उनके भीतर केवल एक्शन ही नहीं, संवेदनाओं की गहराई और रुमानियत की कोमलता भी थी। फिल्म शोले में वीरू का उनका किरदार आज भी भारतीय फिल्म इतिहास के सबसे प्रिय पात्रों में शुमार है। उनकी दमदार संवाद अदायगी, अनोखी कॉमिक टाइमिंग और दिल छू लेने वाली रोमांटिक शैली ने उन्हें एक बहुआयामी अभिनेता के रूप में स्थापित किया। चाहे पर्दे पर खलनायकों से भिड़ते हुए उनका जोश भरा एक्शन हो या प्रेमभरी मुस्कान के साथ दर्शकों को दीवाना बनाते उनके रोमांटिक सीन—धर्मेंद्र हर रंग में पूरी तरह रच-बस जाते थे।


उनकी फिल्मों की विरासत इतनी व्यापक है कि एक पूरी पीढ़ी उनके अभिनय को देखकर बड़ी हुई, जबकि नई पीढ़ी उनके क्लासिक रोल्स को आज भी उतनी ही शिद्दत से देखती है। ‘सीता और गीता’ के हास्य क्षण हों या ‘धरम वीर’ जैसे एक्शन सीन—धर्मेंद्र ने हर जॉनर में अपना सर्वोत्तम दिया। पर्दे से परे भी उनकी खुशमिज़ाजी, खुलकर हंसने की आदत और सादगी ने उन्हें लोगों का चहेता बना दिया। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, उनकी वही मोहक मुस्कान, संवादों की गूंज और सहजता से भरे उनके अनगिनत किरदार ही उनकी अमर पहचान बनकर रह गए हैं।


धर्मेंद्र का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक युगांतकारी क्षण है। उनका योगदान, उनकी यादें और उनके निभाए किरदार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। फिल्म जगत ने सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्था खो दी है—एक ऐसा सितारा, जिसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी।

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