राहत से परे: सोनू सूद ने पंजाब के परिवारों को 100 भैंसें देकर दीर्घकालिक (Long-Term) सहायता सुनिश्चित की
समाजसेवी और अभिनेता सोनू सूद ने अपनी बहन मालविका सूद के साथ मिलकर पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित परिवारों को मदद के लिए 100 भैंसें दान करने का संकल्प लिया है। इस पहल का उद्देश्य बाढ़ पीड़ित परिवार को उनकी आजीविका बहाल करने में मदद करना है, जिनमें से कई ने अपने मवेशी खो दिए हैं - जो जीविका और आय का एक महत्वपूर्ण साधन है।
सोनू सूद, जो पहले भी कई आपातकालीन राहत अभियानों में सबसे आगे रहे हैं, ने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के बाद किसानों और ग्रामीण परिवारों को केवल तात्कालिक सहायता नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाला सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा: "पंजाब में कई परिवारों के लिए, पशुधन न केवल एक संपत्ति है, बल्कि उनके जीवनयापन का प्राथमिक साधन भी है।" सोनू सूद ने वादा किया है कि "उनकी खोई हुई संपत्ति को वापस लाकर, हम उनके जीवन में स्थिरता और आशा वापस लाएँगे।"
यह पहल एक बार फिर दर्शाती है कि सोनू सूद संकट के समय सिर्फ साथ खड़े नहीं होते, बल्कि लोगों के भविष्य को संवारने का प्रयास भी करते हैं। महामारी के समय प्रवासी मज़दूरों की सहायता हो, या चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान — सोनू सूद की कोशिशें देशभर के लाखों लोगों के जीवन को लगातार प्रभावित किया है।
उनकी बहन मालविका सूद, जो स्वयं भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं, इस प्रयास में उनके साथ हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सच्ची मदद सिर्फ तत्काल राहत नहीं होती, बल्कि दीर्घकालिक (लॉन्ग-टर्म) में निहित होती है, जो लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने की शक्ति देती है।
जैसे-जैसे पंजाब बाढ़ की त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहा है, सूद भाई-बहन की यह पहल यह संदेश देती है कि असल नायक वे होते हैं जो सिर्फ आज की नहीं, बल्कि कल की भी चिंता करते हैं — और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में विश्वास रखते हैं।