धर्मेंद्र की 90वीं जयंती: 24 नवंबर को निधन के बाद आज उनके जन्मदिन पर देशभर में भावुक श्रद्धांजलियां
हिंदी सिनेमा के अमर सुपरस्टार धर्मेंद्र आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज का दिन उनके चाहने वालों के लिए बेहद भावुक है। 8 दिसंबर को वह अपना 90वां जन्मदिन मना रहे होते। 24 नवंबर को उनके निधन की खबर ने फिल्म जगत से लेकर प्रशंसकों तक हर किसी को भीतर तक झकझोर दिया। एक ऐसे कलाकार, जिनकी मुस्कान, सादगी और बेबाक अंदाज़ ने पीढ़ियों को प्रभावित किया, उनके न होने से हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरना संभव नहीं दिखता।
धर्मेंद्र के चाहने वाले आज भी उन्हें उसी प्यार और आदर के साथ याद कर रहे हैं जैसे वह जीवित रहते हुए पाते थे। सोशल मीडिया पर सुबह से ही श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है। फैंस, फिल्मी हस्तियां और दोस्त उनकी पुरानी तस्वीरें, इंटरव्यू और क्लासिक सिनेमाई पलों को शेयर कर उन्हें याद कर रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि धर्मेंद्र की उपस्थिति किसी भी माहौल को जीवंत कर देती थी—चाहे वह फिल्म का सेट हो, परिवार का कोई निजी पल या फिर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम।
90 वर्ष की उम्र में प्रवेश करने वाला यह दिन उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए मिश्रित भावनाओं से भरा रहा। जहां एक ओर जन्मदिन की तारीख उनके लंबे और यादगार फिल्मी सफर की याद दिलाती है, वहीं दूसरी ओर उनकी कमी का एहसास और गहरा हो जाता है। धर्मेंद्र न केवल एक महान अभिनेता थे, बल्कि एक ऐसा इंसान भी थे जो सबसे सरल, संवेदनशील और स्नेही व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे।
उनके करियर की चमक आज भी बॉलीवुड के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। ‘शोले’, ‘अनुपमा’, ‘सितारा’, ‘सत्यकाम’, ‘चुपके चुपके’ जैसी अनगिनत फिल्मों ने उन्हें लोगों के दिलों में हमेशा-हमेशा के लिए स्थापित कर दिया। रोमांस, भावनात्मक भूमिकाओं से लेकर एक्शन तक—हर शैली में उनकी अदाकारी ने दर्शकों को प्रभावित किया। यही वजह है कि आज, उनके जन्मदिन के अवसर पर, पूरा देश उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है।
धर्मेंद्र का जाना केवल एक अभिनेता का खोना नहीं, बल्कि एक युग के समाप्त होने जैसा है। उनकी मौजूदगी भले समाप्त हो चुकी हो, लेकिन उनका प्रभाव, उनकी कला और उनकी स्मृतियाँ हमेशा के लिए लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। आज का दिन इस बात का प्रमाण है कि सही मायने में दिग्गज कभी जाते नहीं—वह अपने चाहने वालों की यादों में हमेशा जीवित रहते हैं।