“कटहल नहीं मिला तो क्या हुआ, राष्ट्रीय पुरस्कार तो मिल गया” – सान्या मल्होत्रा ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीत का अनोखे अंदाज़ में किया सेलिब्रेट

कटहल के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद, स्टार कलाकार सान्या मल्होत्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में क्यों शामिल हैं। उनका सोशल मीडिया कैप्शन — “कटहल नहीं मिला तो क्या हुआ, राष्ट्रीय पुरस्कार तो मिल गया” — इस जश्न के मूड को बख़ूबी बयां करता है, जो उनके प्रशंसकों और फिल्म जगत के बीच लंबे समय से इंतज़ार था।
यह जीत सान्या के करियर का एक निर्णायक मोड़ है, जो यह दर्शाती है कि वे हर किरदार में गहराई और सच्चाई के साथ जान फूंक देती हैं। उनके प्रशंसकों और साथियों के लिए यह जीत केवल एक पेशेवर उपलब्धि नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पल भी रहा — यह याद दिलाता है कि सर्वोच्च स्तर पर मिलने वाला सम्मान दिल को भी छूता है।
लेकिन यह सफलता कोई अकेली उपलब्धि नहीं है। सान्या का 2025 का सफर असाधारण संतुलन का प्रतीक है — ‘सैम बहादुर’ और शाहरुख़ ख़ान की ‘जवान’ में उनके प्रदर्शन को भी राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाज़ा गया। चाहे भावनात्मक गहराई वाले किरदार हों या बड़े पैमाने पर बनी व्यावसायिक फ़िल्में — सान्या ने दिखा दिया कि वे हर क्षेत्र में निपुण हैं।
सान्या की यात्रा को खास बनाता है उनका वह गुण जिससे वे समान रूप से इंडी और मुख्यधारा की फिल्मों में दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। जहां ‘कटहल’ ने उन्हें आलोचनात्मक सराहना और राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया, वहीं उनकी आने वाली फिल्में ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ और एक ऐक्शन-कॉमेडी फ़िल्म (जिसकी शूटिंग इस साल शुरू होगी) उनके मेनस्ट्रीम स्टारडम को और मजबूत करती हैं।
दर्शक अब सिर्फ़ उन्हें देख नहीं रहे — वे चाहते हैं कि सान्या बड़ी फिल्मों की मुख्य अभिनेत्री बनें और पूरी चमक के साथ स्क्रीन पर छा जाएं।