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Farm Bills Enacted as Law: किसानों और विपक्ष के विरोध के बीच कानून में बदले तीनों कृषि बिल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई मुहर

किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि विधेयक (Farm Bills) कानून में बदल गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने विधेयकों पर मुहर लगा दी है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को तीनों फार्म विधेयकों पर हस्ताक्षर किए. विपक्ष द्वारा विरोध के बीच संसद में बिल पारित किए गए थे. केंद्र ने अब सभी विधेयकों को अधिसूचित कर दिया है. ये बिल अब एक कानून बन गया है.

Farm Bills Enacted as Law: किसानों और विपक्ष के विरोध के बीच कानून में बदले तीनों कृषि बिल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई मुहर

Desk EditorBy : Desk Editor

  |  27 Sep 2020 4:15 PM GMT

नई दिल्ली: किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि विधेयक (Farm Bills) कानून में बदल गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने विधेयकों पर मुहर लगा दी है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को तीनों फार्म विधेयकों पर हस्ताक्षर किए. विपक्ष द्वारा विरोध के बीच संसद में बिल पारित किए गए थे. केंद्र ने अब सभी विधेयकों को अधिसूचित कर दिया है. ये बिल अब एक कानून बन गया है.

संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को विपक्ष के भारी विरोध के बाद संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल थी. अब इस पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है.

कृषि बिल को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

बता दें कि इन तीनों विधेयकों का भारी विरोध हो रहा है. पंजाब, हरियाणा, बिहार सहित कई राज्यों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन विधेयकों के चलते केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद शनिवार को उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी का साथ भी छोड़ दिया. अकाली दल ने NDA के साथ अपना गठबंधन वापस ले लिया.

कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने राष्ट्रपति से बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की थी. विपक्ष की बातों को बेबुनियाद बताते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया था कि किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद पहले की तरह जारी रहेगी और इन विधेयकों में किसानों को एपीएमसी के बाहर अपने उत्पाद बेचने को विकल्प दिया गया है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी दाम मिलेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किसानों को यही भरोसा दिलाया था.

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