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छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला की सरेआम पिटाई, पुलिस बनी रही तमाशबीन

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और भूमकाल के संपादक कमल शुक्ला को सरेराह कांकेर में पीटा गया. आरोप है कि पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही और कांग्रेस के स्थानीय नेता कमल शुक्ल को पीटते रहे.

छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला की सरेआम पिटाई, पुलिस बनी रही तमाशबीन

Desk EditorBy : Desk Editor

  |  27 Sep 2020 8:09 AM GMT

रायपुर, 26 सितंबर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक वरिष्ठ पत्रकार ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने उनके साथ मारपीट की है, इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। कांकेर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पत्रकार कमल शुक्ला :53 वर्ष: ने गफ्फार मेमन, जितेन्द्र सिंह ठाकुर, शादाब खान, गणेश तिवारी और अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट करने तथा जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्ला ने पुलिस में शिकायत की है कि उन्हें आज जानकारी मिली थी कि कांकेर के पत्रकार सतीश यादव के साथ नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ठाकुर और कुछ लोगों ने मारपीट की है तथा उसे थाना लेकर गए हैं।

सूचना के बाद जब शुक्ला और अन्य पत्रकार थाने पहुंचे तब कांग्रेस के विधायक शिशुपाल शोरी के प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जितेन्द्र सिह ठाकुर, पार्षद मकबूल खान, पार्षद शादाब खान, गणेश तिवारी और अन्य लोग हंगाम कर रहे थे तथा पत्रकारों को धमका रहे थे।

उन्होंने बताया कि शुक्ला ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने जब उन्हें :शुक्ला को: देखा तब उन्हें वहीं थाने के भीतर मारने की कोशिश की। वहीं आरोपी गफ्फार मेमन ने पिस्तौल निकालकर धमकाया और कहा कि तुमने मुझे रेत के कारोबार में नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान गफ्फार ने शुक्ला को जान से मारने की धमकी भी दी।

शुक्ला ने कहा है कि जब वह थाने से बाहर निकले तब वहां मौजूद आरोपियों ने पिटाई शुरू कर दी। पीड़ित पत्रकार ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा है कि उन्होंने कांकेर जिले में भ्रष्टाचार, रेत माफिया और आदिवासियों का उत्पीड़न से संबंधित समाचारों को अपने अपने पोर्टल में प्रकाशित किया है जिससे उनकी जान को खतरा हो गया है। शुक्ला ने इसके लिए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।

इधर पुलिस ने एक बयान जारी कर इसे दो पत्रकारों के मध्य लड़ाई कहा है।

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