हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, मकानों की रजिस्ट्री को लेकर की ये बड़ी घोषणा, हिंदी में पढ़े पूरी जानकारी
हरियाणा सरकार जन साधारण को सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सैक्टरों में तीन मंजिलों की अलग-अलग रजिस्ट्री कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2009 में आरंभ की थी।

हरियाणा सरकार जन साधारण को सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सैक्टरों में तीन मंजिलों की अलग-अलग रजिस्ट्री कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2009 में आरंभ की थी। जन साधारण की मांग पर वर्तमान सरकार ने नवंबर, 2018 में चार तलों की रजिस्ट्री को अनुमति प्रदान की। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में सदन को दी।
उन्होंने सदन को अवगत कराया कि जब किसी भी शहर का मास्टर प्लान तैयार होता है तो 10 साल की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखकर किया जाता है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सैक्टरों को इकाई मानकर पानी, बिजली तथा सीवरेज आदि चीजों को ध्यान में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार नगर योजनाकारों की एक विशेष कमेटी का गठन करेगी जो इस मामले में अपनी रिपोर्ट देगी।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्र तलों की रजिस्ट्री रिहायशी प्लाटों के तीन तलों तक का प्रचलन हरियाणा के शहरों में 2009 के आस-पास तेज हुआ, जब इसके बारे में नीति निर्धारित की गई तथा अधिनियम में भी संशोधन किया गया। बाद में जब दिल्ली में चार तलों के निर्माण तथा ऐसे तलों की रजिस्ट्री ने 2014 में काफी जोर पकड़ा, तब प्राकृतिक रूप से हरियाणा के शहरों में भी चार तलों की रजिस्ट्री को अनुमोदित करने हेतु मांग उठने लगी।
जिसको देखते हुए, सरकार ने पहली बार 21-11-2018 को नीतिगत निर्णय के अधीन चार तलों की रजिस्ट्री को अनुमोदित करने का निर्णय लिया गया चार मंजिलों के पंजीकरण की अनुमति देने का नीतिगत निर्णय पूरे राज्य में लागू किया गया तथा डेवलपरों/कॉलोनाइजरों एवं एच.एस.वी.पी. द्वारा निर्मित रिहायशी भूखंडों को भी इसमें शामिल किया गया है।
अब तक हरियाणा के विभिन्न शहरों के लाइसेंसों में लगभग 6500 मामलों में चौथी मंजिल के निर्माण / पंजीकरण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से अधिकांश भूखंडों पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इनमें से कई में मंजिलों का पंजीकरण भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा, लगभग 12,000 भूखंडों के नक्शे एच.एस.वी.पी. विभाग द्वारा स्टिल्ट जमा चार तलों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इस समय मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर सेवाओं को तत्काल उन्नत करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
पार्किंग की समस्या को कम करने के लिए स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के निर्माण के मामले में स्टिल्ट के निर्माण का प्रावधान अनिवार्य है। हालांकि भूतल कवरेज बढ़ाने के लिए, सैटबैंक कम कर दिए गए हैं, लेकिन पर्याप्त रोशनी और हवा के लिए न्यूनतम सैटबैंक रखे गए हैं। एच.एस.वी.पी. द्वारा स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के निर्माण की निगरानी के लिए आसपास के प्लॉट धारकों की जानकारी के लिए एक तंत्र विकसित किया गया है।
भूखंडों के निर्माण के कारण किसी भी नुकसान की शिकायत होने पर अधिकारियों की एक समिति निर्माणाधीन स्थलों का दौरा करेगी और क्षति का आंकलन करेगी। समिति की संतुष्टि के अनुसार क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत के बाद ही आगे के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
इस तरह के मांग के ऊपर फैसला लेते हुए कई बातों का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है। सारे विश्व में शहरों के सघन विकास ;बवउचंबज कमअमसवचउमदजद्ध को विशेष बल दिया जा रहा है जिससे कि कम इलाके में वर्टिकल विकास ;अमतजपबंस कमअमसवचउमदजद्ध करके ज्यादा लोगों को मकान मुहैया कराया जा सके तथा उनके सुविधाओं का भी स्थानीय स्तर पर ही ध्यान रखा जा सके। चर्चा में कांग्रेस के श्री वरूण चौधरी, श्री भारत भूषण शर्मा, श्री नीरज शर्मा ने भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने भी सुझाव दिया कि सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए।