फिल्म निर्माता शेखर कपूर की खोई हुई प्रेम कहानी: एक नाव, एक सनराईज, और ज़िंदगी भर के "क्या होता अगर..."

फिल्म निर्माता शेखर कपूर की खोई हुई प्रेम कहानी: एक नाव, एक सनराईज, और ज़िंदगी भर के क्या होता अगर...
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फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने दशकों तक सिनेमा के ज़रिए इंसानी जज़्बातों को पर्दे पर जीवंत किया है, लेकिन इस बार कहानी उनके अपने दिल से निकल रही है। सोशल मीडिया पर हाल ही में शेयर की गई एक भावुक पोस्ट—जिसे वे तीन बार साझा कर चुके हैं— उसमें कपूर ने अपनी ज़िंदगी की एक अधूरी लेकिन भूली नहीं जाने वाली प्रेम कहानी का ज़िक्र किया है। यह कहानी उस रहस्यमयी लड़की की है, जिससे उनकी मुलाकात 22 साल की उम्र में इबीसा में हुई थी।


अब, दशकों बाद, शेखर कपूर उस पल को बार-बार याद कर रहे हैं, न केवल अपनी यादों में, बल्कि उम्मीद में भी दोहरा रहे हैं। इस कहानी को बार-बार पोस्ट करने, ऐसा लगता है कि फ़िल्म निर्माता उसे ढूँढ़ रहे है, और सोच रहे है कि क्या किस्मत अब भी उन्हें फिर से मिलाने का कोई रास्ता निकाल पाएगी। वह अपने कैप्शन में मन ही मन सोचते है, "क्या वो वही थी?" मानो बीते हुए समय को पुकार रहा हो।


उनकी इस पोस्ट ने फैंस को बेहद प्रभावित किया है, और कमेंट्स में लोग लिख रहे हैं— “बहुत ही रिलेटेबल है, इस एहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।” और “क्या हम सब ज़िंदगी में कभी न कभी उसी नाव पर सवार नहीं हुए हैं?" जैसे संदेशों की बाढ़ आ गई है, शेखर कपूर की ये अधूरी मोहब्बत अब एक सामूहिक याद बन चुकी है, जिसे हज़ारों लोग अपने-अपने तरीके से जी चुके हैं।


शेखर कपूर "उसके जो हमसे दूर हो गया" की इस भावुक तलाश के साथ-साथ कपूर अपने अगले प्रोजेक्ट “मासूम: नेक्स्ट जेनरेशन” की भी तैयारी कर रहे हैं — जो उनकी क्लासिक फिल्म मासूम का अगला अध्याय होगा। जिस तरह उनकी पोस्ट मासूमियत, प्यार और अधूरे फैसलों की गवाही देती है, उसी तरह उनकी नई फिल्म भी इन्हीं मानवीय भावनाओं की परतें खोलेगी।

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