Geeta Bali: वो बॉलीवुड अभिनेत्री जिन्होंने पति के अलावा जेठ और ससुर संग भी किया काम
Geeta Bali: Bollywood actress who worked with husband and father-in-law besides husband

Geeta Bali की कहानी शुरू करने से पहले थोड़ी बात करते हैं हिंदी फिल्मों के इतिहास के बारे में। हिंदी फिल्मों के इतिहास में 50 का दशक बेहद महत्वपूर्ण रहा है। वास्तव में इसी दशक से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने दुनिया में अपनी पहचान बनानी शुरू की थी। उस दौर की एक बड़ी नामी अदाकारा हुआ करती थी गीता बाली। यूं तो इनका फिल्मी करियर मात्र 12 साल की उम्र में बतौर बाल कलाकार शुरू हो चुका था। लेकिन बतौर अभिनेत्री भी इन्होंने ढेर सारी सफल फिल्मों में काम किया था।
इनकी शादी शम्मी कपूर से हुई थी और कपूर खानदान की बहू बनकर ये खुशहाल ज़िंदगी बिता रहीं थी। लेकिन मात्र 35 साल की उम्र में वे दुनिया से रुखसत हो गई थी। तारीख थी 21 जनवरी 1965। उनका जीवन भले ही छोटा सा रहा हो, लेकिन इस छोटे से जीवन में ही उन्होंने ज़िंदगी को बड़े ही शान से और ढेर सारे तजुर्बों के साथ जिया था।
पाकिस्तान में हुआ था Geeta Bali का जन्म
गीता बाली का जन्म सरगोधा शहर में हुआ था। ये शहर अब पाकिस्तान में है। गीता बाली का जन्म हुआ था 1930 में। गीता बाली का असली नाम हरकीर्तन कौर था। छोटी उम्र से ही गीता को फिल्मों में काम मिलने लगा और उनका परिवार भारत-पाकिस्तान का बंटवारा होने से पहले ही मुंबई में आकर बस गया था।
Geeta Bali बनी थी बाल कलाकार
गीता बाली के करियर की शुरूआत हुई थी फिल्म कोबलर से। उस समय गीता बाली की उम्र महज़ 12 साल ही थी। फिर साल 1946 में गीता बाली फिल्म 'बदनामी' से पहली दफा गीता बाली बॉलीवुड में हिरोईन के तौर पर नज़र आई। गीता बाली के फिल्मी करियर का सबसे कामयाब दशक था 1950 का दशक। इस दशक की टॉप बॉलीवुड अभिनेत्रियों में गिनी जाती थी गीता बाली।
जेठ और ससुर के साथ शादी से पहले किया था काम
गीता बाली ने अपने दौर के हर बड़े कलाकार के साथ फिल्म की थी। इनकी शादी शम्मी कपूर से हुई थी। लेकिन शादी से पहले ही ये अपने जेठ राज कपूर और ससुर पृथ्वीराज कपूर संग काम कर चुकी थी। राजकपूर के साथ जिस फिल्म में गीता बाली ने काम किया था वो थी 'बावरे नैन' जो कि 1950 में रिलीज़ हुई थी। ससुर पृथ्वीराज कपूर के साथ गीता बाली ने 'आनंद मठ' मे काम किया था। ये फिल्म उनके फिल्मी करियर की सबसे शानदार फिल्मों में से एक थी।
10 साल में 70 फिल्में
कपूर खानदान के बारे में एक बात मशहूर थी कि जो अभिनेत्री इस खानदान में शादी करती है वो शादी के बाद फिल्में छोड़ देती है। लेकिन गीता बाली की कहानी इसके ठीक उलट रही। गीता ने ना सिर्फ शादी के बाद भी फिल्मों में काम किया, बल्कि अपनी मौत के साल भी वो फिल्म में काम कर रही थी। उनकी आखिरी फिल्म थी 'जब से तुम्हें देखा' जो कि सन 1963 में रिलीज़ हुई थी। अपने 10 साल के फिल्मी करियर में गीता ने 70 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया था। उस दौर में ये बड़ी बात हुआ करती थी।
समाज ने ठुकराया
गीता के माता-पिता आधुनिक खयालात के लोग थे। उन्होंने शुरूआत से ही अपनी बेटी को शास्त्रीय संगीत, घुड़सवारी और डांस सीखने भेजा। लेकिन सिख समाज के कुछ रूढ़िवादी लोगों ने गीता बाली के परिवार का बहिष्कार किया। इतना ही नहीं, गीता की फिल्म की रिलीज़ के समय थिएटरों का भी घेराव किया जाता था।
भाई थे डायरेक्टर
गीता बाली के भाई का नाम था दिग्विजय सिंह। ये भी फिल्म डायरेक्टर थे और इनकी ही फिल्म 'राग रंग' में गीता बाली ने अशोक कुमार के साथ काम किया था। ये फिल्म सन 1952 में रिलीज़ हुई थी।
शम्मी कपूर संग 7 फेरे
शम्मी कपूर और गीता बाली ने 1955 में रिलीज़ हुई फिल्म रंगीन रातें में साथ काम किया था। इस फिल्म के सेट पर दोनों की नज़रें चार हुई और दोनों ने 23 अगस्त 1955 को एक मंदिर में,
दोनों ने परिवार वालों की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर शादी कर ली।
इस शादी से दोनों के ही परिवार नाखुश थे।
लेकिन आखिरकार परिवार को मानना ही पड़ा। शम्मी और गीता बाली के दो बच्चे हैं।
इनके बेटे आदित्य राज कपूर ने फिल्मों में हाथ आजमाया लेकिन सफल नहीं हो पाए।
वहीं बेटी कंचन ने फिल्मकार मनमोहन देसाई से शादी कर ली थी।
Geeta Bali की मौत
गीता और शम्मी का जीवन खुशहाल चल रहा था।
लेकिन शादी के 10 साल बाद गीता को चेचक ने अपना शिकार बना लिया।
चेचक की मार गीता बाली झेल नहीं सकी और सन 1965 में गीता बाली दुनिया से रुखसत हो गई।
पत्नी की मौत ने शम्मी कपूर को अंदर तक तोड़ दिया।
वो गम में डूब गए और उनका वज़न भी बढ़ता चला गया।
गीता की मौत के गम का असर शम्मी कपूर की फिल्मों पर भी नज़र आने लगा।
फिल्मफेयर नॉमिनेशन
1975 में गीता बाली की फिल्म आई थी जिसका नाम था वचन।
इस फिल्म के लिए गीता बाली को फिल्मफेयर पुरस्कार में नॉमिनेशन मिला था।
इसी साल आई फिल्म कवि में गीता बाली के शानदार काम को देखते हुए,
उन्हें सहायक अभिनेत्री के लिए भी फिल्मफेयर का नामांकन मिला था।
नीला देवी संग शम्मी की शादी
गीता बाली की मौत के 4 साल बाद शम्मी कपूर ने नीला देवी संग शादी कर ली थी।
शादी के लिए नीला देवी को शम्मी कपूर ने खुद प्रपोज किया था।
लेकिन नीला देवी के सामने ही शादी से पहले शम्मी कपूर ने शर्त रख दी,
कि वो कभी मां नहीं बनेगी और गीता बाली के दोनों बच्चों को अपनी औलाद की तरह समझेगी।
नीला देवी ने शम्मी कपूर की ये शर्त मान ली और आखिरकार दोनों ने शादी कर ली।
शम्मी और नीला देवी बचपन से एक-दूसरे को जानते थे।